सृजनात्मकता का परीक्षण | Test Of Creativity In Hindi » Pratiyogita Today

सृजनात्मकता का परीक्षण | Test of Creativity in Hindi

इस आर्टिकल में सृजनात्मकता के परीक्षण जैसे गिलफोर्ड एवं मेरीफील्ड के परीक्षण, सृजनात्मक चिंतन के टोरेंस के परीक्षण, बाकर मेहंदी के परीक्षण, पासी का सृजनात्मक परीक्षण, गेटजल्स और जैक्सन द्वारा निर्मित परीक्षण, ऑलपोर्ट-वरनन-लिन्डने का मूल्य मापक, 16 व्यक्तित्व प्रतिकारक प्रश्नावली, कैलिफोर्निया मनोवैज्ञानिक प्रश्नावली आदि पर चर्चा की गई है।

सृजनात्मकता (Creativity) को दो मूलभूत विशेषताओं के आधार पर पहचाना जा सकता है। बुद्धिपरकता अथवा ज्ञानात्मकता और अभिप्रेरणात्मक अथवा व्यक्तित्वपरकता। सृजनात्मकता के परीक्षण इन्हीं दोनों के आधार मानकर बनाए गए हैं।

बुद्धिपरकता या ज्ञानात्मक परीक्षण

बुद्धि को आधार मानकर सृजनात्मकता के निम्नलिखित परीक्षण अति महत्वपूर्ण हैं –

गिलफोर्ड एवं मेरीफील्ड के परीक्षण

गिलफोर्ड एवं मेरीफील्ड का मानना है कि सर्जनात्मक चिंतन और अभिसारी चिंतन दोनों घनिष्ठ रूप से संबंधित है। गिल्फोर्ड और उसके साथियों ने निम्नलिखित योग्यताओं को सृजनात्मक चिंतन के लिए महत्वपूर्ण बताया और स्पष्ट किया कि सृजनात्मकता के प्रत्येक घटक के लिए एक विशेष परीक्षण आवश्यक है।

उन्होंने सर्जनात्मकता की माप के लिए एक परीक्षणमाला (Test Bettety) विकसित की जिसमें 6 घटक है –

  • समस्या
  • नमनीयता
  • साहचर्यात्मक प्रवाह
  • मौलिकता
  • विस्तृतीकरण तथा
  • पुनः परिभाषीकरण

सृजनात्मक चिंतन के टोरेंस के परीक्षण

टोरेंस के परीक्षण सर्जनशीलता के मापन में विशेष महत्वपूर्ण है। ये परीक्षण चार योग्यताओं का मापन करते हैं जो इस प्रकार है –

  • प्रवाह (Fluency)
  • नमनीयता (Flexibility)
  • मौलिकता (Originality)
  • विस्तार (Elaboration)

टोरेंस के यह परीक्षण दो प्रकार के हैं– अशाब्दिक परीक्षण और शाब्दिक परीक्षण।

अशाब्दिक परीक्षण (Non Verbal) – इसमें दो परीक्षण है।

आकृतिपूरक कार्य (Figure Completion) : इस परीक्षण में 10 अधूरी आकृतियां दी जाती है उनको दिखा कर दूसरे सिरे पर दिए गए चित्र से मिलान करते हुए नवीन आकृति बनाने के लिए कहा जाता है और प्रत्येक आकृति के नीचे उस चित्र का शीर्षक लिखने के लिए कहा जाता है।

ऐसी कल्पना पर बल दिया जाता है जो मौलिक हो। प्रत्येक चित्र के लिए 1 मिनट अथवा 10 चित्रों के लिए 10 मिनट का समय दिया जाता है। परीक्षण के प्राप्ताकों निर्धारण सर्जनशीलता के चार योग्यताओं – प्रवाह, नमनीयता, मौलिकता और विस्तार के आधार पर किया जाता है।

वृत्त संबंधी कार्य (Circle Tasks) : इस परीक्षण में कुछ वृत्त दिए जाते हैं और छात्र को वृत्त के अंदर चित्र बनाने के लिए कहा जाता है। निर्देश में कहा जाता है- अधिक से अधिक आलेख बनाएं – जितने भी प्रकार के आलेख बना सकते हैं – बनाएं, दूसरों से भिन्न चित्र बनाएं।

छात्र वृत्त के अंदर मनचाहे चित्र बनाता है और उसके आधार पर निरंतरता, नमनीयता, मौलिकता और विस्तार को मापा जाता है।

शाब्दिक परीक्षण (verbal test) : शाब्दिक परीक्षणों के उत्तर शब्दों में दिए जाते हैं। इसे निम्न परीक्षाओं के आधार पर मापा जाता है।

उत्पादन सुधार कार्य : इस परीक्षण में किसी वस्तु में सुधार के लिए सुझाव मांगने के लिए कहा जाता है। उदाहरण के लिए कुत्ते के खिलौने का चित्र छात्र के सम्मुख प्रस्तुत किया जाता है और इसमें छात्र को ऐसे परिवर्तन सोचने के लिए कहा जाता है जो अत्यंत आकर्षक, नवीन व असाधारण हो जिससे उससे खेलने में अधिकतम आनंद आए।

इस परीक्षण के आधार पर सुझाए गए परिवर्तनों की संख्या, निरंतरता या प्रवाह, नमनीयता, असाधारण सुझाव और मौलिकता के अंक दिए जाते हैं।

टिन डिब्बों के असाधारण उपयोग : जीवन में काम मे आने वाले किसी भी साधारण वस्तु को लेकर उसके असाधारण और रोचक उपयोग पूछे जा सकते हैं। छात्र को खाली डिब्बों के नूतन उपयोग बताने के लिए कहा जाता है। डिब्बों की संख्या कितनी भी हो सकती है।

प्रत्येक परीक्षण की अवधि 10 मिनट की होती है। छात्रों को असम्भव की सूची बनानी पड़ती है और परिकल्पनात्मक प्रश्न करने पड़ते हैं, जैसे- यदि व्यक्ति जब चाहे अदृश्य हो जाए- तो क्या होगा? यदि पृथ्वी में आर पार छेद कर दिया जाए तो क्या होगा? आदि।

टोरेंस के इस सर्जनात्मक चिंतन के परीक्षण को निम्न तालिका द्वारा भी स्पष्ट किया जा सकता है –

Torrence test of creativity thinking
Torrence Test of Creativity Thinking

बाकर मेहंदी के परीक्षण

Baqer Mehdi test of creativity in hindi : बाकर मेहंदी ने सृजनात्मकता की माप के लिए दो प्रकार के परीक्षण बनाए हैं – शाब्दिक परीक्षण और अशाब्दिक परीक्षण।

शाब्दिक परीक्षण – इस परीक्षण में चार उप परीक्षण है –

परिणाम परीक्षण : इसे ‘यदि ऐसा हो जाए तो’ के नाम से इंगित किया जाता है। इसको करने के लिए 12 मिनट का समय निर्धारित है। परीक्षण में कल्पना जगत में उड़ने और मौलिकता के प्रदर्शन की पूरी छूट होती है। इस परीक्षण में तीन असंभव बातें दी गई है जो कभी सत्य नहीं हो सकती।

जैसे : यदि मनुष्य पक्षियों की भांँती उड़ने लगे तो क्या होगा, यदि आपके विद्यालय में पहिए लग जाए तो क्या होगा, यदि मनुष्य को खाने की आवश्यकता न रह जाए तो क्या होगा।

असामान्य प्रयोग परीक्षण : इसे ‘वस्तुओं के नए-नए प्रयोग’ की संज्ञा दी गई है। इसमें तीन सामान्य वस्तुओं के नाम दिए गए हैं, जैसे पत्थर का टुकड़ा, लकड़ी की छड़ तथा पानी। परीक्षार्थी को इन वस्तुओं के नए-नए चित्र एवं रुचिकर प्रयोग अधिक से अधिक संख्या में लिखने होते हैं।

इस परीक्षण का मुख्य उद्देश्य मौलिक रूप से सोचने के अवसर प्रदान करना है कुल 15 मिनट इस परीक्षण के लिए निर्धारित है।

नवीन संबंधों का परीक्षण : जिसे ‘नए संबंध का पता लगाना’ शीर्षक दिया गया है। जैसे पेड़ तथा मकान, कुर्सी और सीढ़ी तथा हवा और पानी। परीक्षार्थी को प्रत्येक जोड़ो के संबंध को बताना होता है। मुक्त कल्पना और मौलिकता की जांच की जाती है। परीक्षण के लिए 15 मिनट का समय निर्धारित है।

परीक्षण सुधार  जिसे ‘वस्तुओं को मनोरंजक बनाना’ शीर्षक दिया गया है। इसमें परीक्षार्थी काठ के घोड़े के संबंध में सोचता है। घोड़े के एक साधारण खिलौने को ध्यान में रखते हुए उस नवीन अनोखे मनोरंजक तरीकों को लिखना होता है जिससे उसमें ऐसे परिवर्तन लाए जा सके जो बच्चों को अधिक आनंददायक हो – इसके लिए 6 मिनट का समय निर्धारित है।

इस प्रकार पूरे परीक्षण के लिए 48 मिनट का समय दिया जाता है और इसके आधार पर प्रवाह, नमनीयता, मौलिकता एवं योग को प्राप्त अंकों के रूप में फलांकन सीट पर ज्ञात कर लिया जाता है।

अशाब्दिक परीक्षण : वाकर मेहंदी के इस परीक्षण में तीन उप परीक्षण हैं जो निम्न है :

चित्र बनाने की क्रियाएं : इस परीक्षण में दो साधारण रेखीय आकृति दी जाती है। प्रत्येक आकृति को अंग मानकर परीक्षार्थी को एक ऐसा चित्र बनाना होता है जिसे अन्य कोई न सोच सके।

चित्र बनाने के लिए कागज को किसी भी प्रकार से घुमाया जा सकता है। चित्र को नवीन विचारों से अधिकतम रोचक बना होता है। मौलिकता और विस्तरण पर अधिक बल दिया जाता है। प्रत्येक चित्र के लिए पांच-पांच मिनट का अलग-अलग समय निर्धारित किया जाता है।

चित्र पूर्ति क्रियाएँ : इस परीक्षा में 10 आपूर्ति आकृतियां दी गई हैं। परीक्षार्थी को प्रत्येक आकृति को रेखाओं की सहायता से पूरा करना होता है।

इसमें नवीन चित्र बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है साथ ही चित्र का रोचक शीर्षक भी देना होता है। समस्त कार्यों के लिए 15 मिनट का समय निर्धारित है।

त्रिभुजाकार एवं अंडाकार आकृति क्रियाएँ : इस परीक्षण में सात त्रिभुजाकार और सात अंडाकार आकृतियां दी गई है। प्रत्येक आकृति को अंग मानकर नवीन एवं रोचक चित्र बनाना होता है। चित्र ऐसा होना चाहिए जिसमें परीक्षार्थी के विचार से अन्य कोई न बना सके। प्रत्येक चित्र को अलग-अलग विचारो के आधार पर बनाना होता है।

इसके लिए 10 मिनट का समय निर्धारित है। संपूर्ण परीक्षा के लिए 35 मिनट का समय दिया जाता है। परीक्षण पर कि गई अनुक्रियाओं को फलांकन शीट पर विस्तरण, मौलिकता तथा योग सर्जनात्मक प्राप्तांंकों के रूप में ज्ञात किया जाता है।

पासी का सर्जनात्मक परीक्षण

Passi test of creativity in Hindi : पासी की परीक्षणमाला भारतीय स्थितियों में 1972 में निर्मित एवं मानकीकृत की गई थी। इसके शाब्दिक और अशाब्दिक कारकों को 6 परीक्षणों के माध्यम से मापा जाता है। यह हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों माध्यमों में है।

शाब्दिक एवं अशाब्दिक कारकों के 6 परीक्षण इस प्रकार है :

  • समस्या देख परीक्षण
  • असामान्य प्रयोग परीक्षण
  • परिणाम परीक्षा
  • असंभव परीक्षण
  • वर्ग पहेली परीक्षण
  • सर्जनशीलता का घन परीक्षण

गेटजल्स और जैक्सन द्वारा निर्मित परीक्षण

आपने सर्जनशीलता के मापन के लिए पांच प्रकार की परीक्षाएं प्रयुक्त की। इन्हें निम्न तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है –

Getzels and Jackson creativity test
Getzels and Jackson creativity test

इसके अतिरिक्त अनेक परीक्षण सृजनात्मकता का  मापन करने के लिए निर्मित हैं। यथा फेल्नेगन का प्रतिभा परीक्षण, मेडनिक तथा मेडनिक का दुरुस्थ साहचर्य परीक्षण तथा वैलेश और कोगन का प्रतिरूप – अर्थ सर्जनशीलता परीक्षण प्रमुख है।

अभिप्रेरणात्मक अथवा व्यक्तित्वपरकता परीक्षण

सर्जनशीलता के बुद्धिपरक मापनों का वर्णन किया गया किंतु केवल बुद्धिपरक का आधार ही पर्याप्त नहीं है। व्यक्ति की विशेषताओं का दूसरा आधार अभिप्रेरणात्मक या अभिवृत्तिमूल्क भी होता है। अतः सर्जनशीलता के अभिप्रेरणात्मक मापक निम्नलिखित है –

ऑलपोर्ट-वरनन-लिन्डने का मूल्य मापक : यह परीक्षण व्यक्ति विशेष में मानव जीवन के 6 मूल्यों के स्तर का मापन करता है। ये मूल्य हैं- सैद्धांतिक, आर्थिक, सौन्दर्यात्मक, सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक।

16 व्यक्तित्व प्रतिकारक प्रश्नावली : यह P.F. परीक्षण केटल द्वारा निर्मित ऐसा व्यक्तित्व परीक्षण है जो विश्व के सभी भागों में प्रचलित है। इसमें 16 फलांकों – प्रबलता, सामान्य बुद्धि, संवेगात्मक, विप्लवकारीता, तथा इच्छाशक्ति द्वारा संयम जैसे आयामों का मापन होता है।

कैलिफोर्निया मनोवैज्ञानिक प्रश्नावली : इस परीक्षण के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तिगत एवं सामाजिक समायोजन से संबंधित विभिन्न गुणों का मापन होता है। इन सबके अतिरिक्त अन्य परीक्षण भी महत्वपूर्ण है, जैसे – गौध द्वारा विकसित प्रश्नावली, टॉरेंस की अभिप्रेरण मापनी, मिनेसोटा बहुपक्षीय व्यक्तित्व प्रश्नावली तथा आइसेनमेन का व्यक्तिगत राय सर्वेक्षण आदि।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

  1. बाकर मेहदी के शाब्दिक सृजनात्मक चिन्तन परीक्षण में कितने शाब्दिक उप परीक्षण हैं?

    उत्तर : बाकर मेहदी के शाब्दिक सृजनात्मक चिन्तन परीक्षण में चार शाब्दिक उप परीक्षण हैं : परिणाम परीक्षण, असामान्य प्रयोग परीक्षण, नवीन संबंधों का परीक्षण, परीक्षण सुधार।

  2. भारत में सृजनात्मक परीक्षण की रचना किसने की थी?

    उत्तर : बी के पासी की परीक्षणमाला भारतीय स्थितियों में 1972 में निर्मित एवं मानकीकृत की गई थी। इसके शाब्दिक और अशाब्दिक कारकों को 6 परीक्षणों के माध्यम से मापा जाता है। यह हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों माध्यमों में है।

  3. सृजनात्मकता परीक्षण कितने प्रकार के होते हैं?

    उत्तर : सृजनात्मकता (Creativity) को दो मूलभूत विशेषताओं के आधार पर पहचाना जा सकता है। बुद्धिपरकता अथवा ज्ञानात्मकता और अभिप्रेरणात्मक अथवा व्यक्तित्वपरकता। सृजनात्मकता के परीक्षण इन्हीं दोनों के आधार मानकर बनाए गए हैं।

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About Mahender Kumar

My Name is Mahender Kumar and I do teaching work. I am interested in studying and teaching compititive exams. My education qualification is B. A., B. Ed., M. A. (Political Science & Hindi).

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