• विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का रामानुजन पुरस्कार 2021 – प्रोफेसर नीना गुप्ता को
कोलकाता स्थित भारतीय सांख्यिकी संस्थान में भारतीय गणितज्ञ प्रोफेसर नीना गुप्ता को एफाइन संयुक्त बीजगणितीय ज्यामिति और क्रमविनिमेय बीजगणित में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए विकासशील देशों के युवा गणितज्ञों का DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार 2021 से नवाजा गया है।
प्रोफेसर नीना गुप्ता DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार हासिल करने वाली तीसरी महिला हैं। प्रथम बार वर्ष 2005 में यह पुरस्कार प्रदान किया गया था। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) और गणितीय संघ (IMU) के साथ अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल फिजिक्स (ICTP) द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
रामानुजन पुरस्कार प्रति वर्ष एक प्रख्यात गणितज्ञ को दिया जाता है, जिनकी उम्र पुरस्कार दिए जाने वाले वर्ष के 31 December को 45 वर्ष से कम हो और जिन्होंने विकासशील देशों में उत्कृष्ट शोध कार्य किया है।
विश्वभर के प्रख्यात गणितज्ञों को शामिल कर बनाई गई DST-ICTP-IMU रामानुजन पुरस्कार समिति ने भारतीय गणितज्ञ प्रोफेसर नीना गुप्ता के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रोफेसर नीना गुप्ता का कार्य उनके प्रभावशाली बीजगणितीय कौशल और आविष्कारशीलता को दर्शाता है।
• बीजगणितीय ज्यामिति के एक मौलिक सवाल, जारिस्की उत्सादन के सवाल को हल करने के लिए मिला पुरस्कार
प्रोफेसर नीना गुप्ता ने बीजगणितीय ज्यामिति के एक मौलिक सवाल, जारिस्की उत्सादन के सवाल को हल करने के लिए जो समाधान बताया है उसके लिए उन्हें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी का वर्ष 2014 युवा वैज्ञानिक पुरस्कार मिला है।
अकादमी ने उनके जारिस्की उत्सादन के सवाल समाधान को ’हाल के वर्षों में कहीं भी किए गए बीजगणितीय ज्यामिति में सर्वश्रेष्ठ कार्य’ बतलाया है। आधुनिक बीजगणितीय ज्यामिति के सबसे प्रतिष्ठित संस्थापकों में शमार ऑस्कर जारिस्की ने समस्या सवाल 1949 में प्रस्तुत किया था।
अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी के साथ एक इंटरव्यू में प्रोफेसर गुप्ता ने बताया, ’’उत्सादन का सवाल है कि अगर आपके पास दो ज्यामितीय संरचनाओं पर सिलेंडर हैं और उसका रूप समान रूप है, तो क्या कोई यह निष्कर्ष निकाल सकता है कि मूल आधार वाली संरचनाओं के रूप समान हैं।”
• प्रोफेसर नीना गुप्ता (गणितज्ञ) के बारे में
नीना गुप्ता का जन्म 1984 में हुआ। नीना गुप्ता भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) कोलकाता की सांख्यिकी और गणित इकाई में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। उनकी रुचि एफाइन संयुक्त बीजगणितीय ज्यामिति और क्रमविनिमेय बीजगणित में है।
नीना गुप्ता पहले भारतीय सांख्यिकी संस्थान में विजिटिंग साइंटिस्ट और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) में विजिटिंग फेलो भी रह चुकी है। उन्होंने गणित विज्ञान की श्रेणी में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार मिला है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का सर्वोच्च सम्मान है।
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