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सीखने का आकलन : इसके अंतर्गत विद्यार्थीयों के अधिगम उपलब्धि का आकलन किया जाता है यानी विद्यार्थी क्या सीखता है तथा कितना सीखता है, विद्यार्थीयों द्वारा पूर्व निर्धारित अधिगम उद्देश्यों तथा अपेक्षित अधिगम परिणामों की पूर्ति किस सीमा तक हुई है? इसका विद्यार्थी के अधिगम प्रक्रिया पर कोई नियंत्रण नहीं होता। यह आकलन यह बताने में असमर्थ होता है कि विद्यार्थी कैसे सीखता है, उसके सीखने की शैली क्या है, वह अपने किस विशिष्ट क्षमता का उपयोग सीखने के लिए करता है?
सीखने का आकलन' सम्पूर्ण अधिगम प्रक्रिया के बाद पूर्व में निर्धारित अधिगम उद्देश्यों तथा अपेक्षित अधिगम परिणामों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी के अधिगम निष्पत्ति का परीक्षण करता है। आकलन मुख्यतः लिखित या मौखिक परीक्षा द्वारा संचालित किया जाता है। परीक्षण में प्राप्त ग्रेड या अंक विद्यार्थी के सीखने का द्योतक होती है।
'सीखने के लिए आकलन': इसके अंतर्गत विद्यार्थी के अधिगम उपलब्धि के साथ-साथ उसके सीखने की प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यह बताता है कि विद्यार्थी क्या सीखता है, कितना सीखता है तथा कैसे सीखता है? उसके सीखने का तरीका या शैली क्या है? सीखने की प्रक्रिया में वह किन-किन विशिष्ट क्षमताओं तथा ज्ञान के स्रोतों को उपयोग में लाता है, उसके विचार तथा स्पष्टीकरण में कितनी नवीनता तथा मौलिकता है? इससे यह भी पता चलता है कि विद्यार्थी यदि सीख नहीं पाता तो क्यों सीख नहीं पाता, शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में क्या सुधार लाया जाए, जिससे कक्षा का प्रत्येक विद्यार्थी सीख सके।
'सीखने के लिए आकलन' विद्यार्थियों का परीक्षा के प्रति भय को कम कर देता है क्योंकि उनके लिए उनकी रुचि तथा अभिक्षमता के अनुरूप वैकल्पिक आकलन की व्यवस्था होती है तथा उनके विषय-संबंधी अधिगम का आकलन पाठ्यक्रम के छोटे-छोटे अंशों में किया जाता है। साथ ही यह विद्यार्थियों में रटने की प्रवृति के स्थान पर विचारशील चिंतन क्षमता का विकास करता है।
सीखने का आकलन और सीखने के लिए आकलन में क्या अंतर है?
सीखने का आकलन और सीखने के लिए आकलन में क्या अंतर है?
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My name is Mahendra Kumar and I do teaching work. I am interested in studying and teaching competitive exams. My qualification is B.A., B.Ed., M.A. (Pol.Sc.), M.A. (Hindi).