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लोकप्रिय संप्रभुता की संकल्पना के प्रतिपादक फ्रांसीसी विचारक जे जे रूसो है। लोकप्रिय संप्रभुता रूसो के राजनीतिक दर्शन का सार तत्व है। रूसो ने स्पष्ट रूप से सत्ता का स्त्रोत जनता को बताया है। रूसो के अनुसार संप्रभुता का निवास स्थान सामान्य इच्छा (General will) में होता है। उदारवाद और लोकतंत्र के समर्थकों के लिए यह प्रेरणा स्रोत रही है।
रूसो ने प्रभुसत्ता को निश्चयात्मक माना है, क्योंकि सामान्य इच्छा पूरे समुदाय की होती है ना कि व्यक्ति विशेष की। रूसो लोकप्रिय संप्रभुता का पक्षधर था जबकि लाॕक राजनीतिक संप्रभुता का पक्षधर था।
रूसो ने दो कारणों से लोकप्रिय संप्रभुता को सर्वोच्च माना है – 1. प्रभुसत्ता का आधार सामान्य इच्छा है। यह प्रभुसत्ता के अधिकार पक्ष को व्यक्त करता है। 2. प्रभुसत्ता का उद्देश्य सार्वजनिक कल्याण है। यह प्रभुसत्ता के कर्तव्य पक्ष को व्यक्त करता है। अतः दोनों में समन्वय ही लोकतंत्र की आधारशिला है।
लोकप्रिय संप्रभुता की धारणा अमेरिकी और फ्रांसीसी क्रांतियों में शासन के मूलभूत सिद्धांत के रूप में स्वीकार की गई थी।
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लोकप्रिय संप्रभुता के प्रतिपादक कौन है?
लोकप्रिय संप्रभुता के प्रतिपादक कौन है?
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