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महिला आरक्षण विधेयक (106वाँ संविधान संशोधन) के अंतर्गत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का प्रावधान है। यह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति (SC) तथा अनुसूचित जनजाति (ST) के लिये आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा।
106 वां संविधान संशोधन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए कोटा 15 वर्ष तक जारी रहेगा और संसद बाद में इसकी अवधि बढ़ा सकती है।
इस विधेयक के लागू होने के बाद आयोजित जनगणना के प्रकाशन तथा परिसीमन के बाद यह आरक्षण प्रभावी होगा। राष्ट्रपति ने 28 सितंबर 2023 को महिला आरक्षण विधेयक 2023 को अपनी सहमति दे दी है, इसे आधिकारिक तौर पर संविधान (106वां संशोधन) अधिनियम के रूप में जाना जाएगा।
27 वर्षों से अटका महिला आरक्षण अधिनियम अंततः अधिनियम बन गया। सन 1996 के बाद संसद में विधेयक को पारित करने के लिए कई बार प्रयास किए गए। आखिरी बार ऐसा प्रयास सन 2010 में किया गया था, जब राज्यसभा ने महिला आरक्षण के लिए एक विधेयक पारित किया था, लेकिन लोकसभा में पारित नहीं हो सका था।
महिला आरक्षण विधेयक (106वाँ संविधान संशोधन) 2023 क्या है?
महिला आरक्षण विधेयक (106वाँ संविधान संशोधन) 2023 क्या है?
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