कामायनी आधुनिक काल का सर्वोत्तम महाकाव्य माना जाता है। यह जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित छायावादी गुणों से भरपूर महाकाव्य है। इसमें मानवजाति के विकास की रूपरेखा है।
इसके विषय में डॉ.शंभूनाथ सिंह लिखते हैं , "कामायनी आधुनिक हिंदी साहित्य का ऐसा अमर महाकाव्य है, जिसमें आधुनिक युग की प्रवृत्तियों और विशेषताओं का प्रतिनिधित्व हुआ है और जो अनेक दृष्टियों से हिंदी के ही नहीं, अपने युग के पूर्ववर्ती समस्त भारतीय महाकाव्यों से भिन्न एक निराले स्थान का अधिकारी है।"
डॉ. रामनाथ शर्मा लिखते हैं, 'कामायनी' बौद्धिकता और भौतिकता के अतिरेक से पीड़ित और विविध प्रकार के संघर्षों के कारण टूटे हुए विश्व-मानव को चरम शांति का मार्ग बनाती है। इसके अनुसार बौद्धिकता को श्रद्धा से संयमित करके ही अखंड आनंद की उपलब्धि और विश्व शांति की स्थापना हो सकती है। इसकी कथा निम्नांकित है -
कामायनी का सार :
हिमालय पर बैठे चिंता ग्रस्त मनु को प्रलय-विनाश की स्मृतियां आती हैं। वहीं उन्हें गन्धर्व राजकुमारी श्रद्धा मिलती है, जो न केवल उन्हें वैराग्य छोड़ने को कहती है। बल्कि आत्म समर्पण कर जीवन विकास की प्रेरणा देती है। वे साथ-साथ रहने लगते हैं। मनु पुरानी आदत से पुन: हिंसा कर्म में प्रवृत्त होते है। श्रद्धा के पुत्र उत्पन्न होता है।
मनु चाहते हैं कि श्रद्धा केवल उनसे ही प्रेम करें, पर श्रद्धा का प्रेम अपने पुत्र में बढ़ जाता है। मनु श्रद्धा को छोड़ जाते है और उजड़े सारस्वत प्रदेश में पहुंचते हैं। वहां की अधिकारिणी इड़ा उन्हें राज्य सौंपती है, पर वे इड़ा को भी बलपूर्वक प्राप्त करना चाहते हैं। प्राण विद्रोह कर उन्हें युद्ध में परास्त करती है।
वे पुनः लौटते है और श्रद्धा तथा पुत्र से मिलते हैं। वे तीनों पुन: इड़ा के पास आते है। मनु पुनः भाग जाते है। श्रद्धा अपने पुत्र इड़ा को सौंप कर पुनः मनु से उस समय मिलती है, जब मनु ध्यान मग्न थे। बाद में त्रिपुर के दर्शन का समन्वय बात कर श्रद्धा आनंद भूमि पर पहुंचती है। उधर इड़ा और पुत्र भी वहीं पहुंचते हैं। समरसता के ज्ञान के बाद कथा समाप्त होती है।
यह महाकाव्य मूल कथा के साथ एक रूपक -योजना को लेकर भी चलता है। इसमें मनु मन का, श्रद्धा हृदय का एवं इड़ा बुद्धि का प्रतीक है। मन श्रद्धा के सहयोग से ही सुखी रह सकता है, बुद्धि के सहयोग से नहीं। बुद्धि व्यक्ति को तर्क जाल में बांध कर उसमें उदिग्नता उत्पन्न करती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1. कामायनी में मनु का पुत्र कुमार किसका प्रतीक है?
उत्तर : कामायनी में मनु का पुत्र कुमार मन का प्रतीक है।
प्रश्न 2. कामायनी कैसी रचना है इसका मूल भाव क्या है?
उत्तर : काव्य रूप की दृष्टि से कामायनी चिंतन प्रधान है, जिसमें कवि ने मानव को एक महान संदेश दिया है। जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित छायावादी गुणों से भरपूर महाकाव्य है। इसमें मानवजाति के विकास की रूपरेखा है।
प्रश्न 3. कामायनी में श्रद्धा किसका प्रतीक है?
उत्तर : कामायनी में श्रद्धा ह्रदय की प्रतीक है।