• NCF निर्माण हेतु राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC) का गठन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के दृष्टिकोण के अनुसार राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (NCF) तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC) का गठन किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय ने 21 सितंबर 2021 को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (NCF) तैयार करने के लिए राष्ट्रीय संचालन समिति (National Steering Committee) का गठन किया है।
• National Steering Committee के सदस्य
1. के कस्तूरीरंगन (अध्यक्ष)
के कस्तूरीरंगन एक भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने वर्ष 1994 से 2003 तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का नेतृत्व किया। उन्होंने भारत सरकार की ओर से तीन प्रमुख नागरिक सम्मान पद्म श्री (1982), पद्म भूषण (1992) और पद्म विभूषण (2000) मिल चुके हैं। वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) की मसौदा समिति (drafting committee) के अध्यक्ष थे।
2. महेश चंद्र पंत
महेश चंद्र पंत वर्तमान में राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (NIEPA) के कुलाधिपति (Chancellor) हैं।
3. गोविंद प्रसाद शर्मा
गोविंद प्रसाद शर्मा नेशनल बुक ट्रस्ट (National Book Trust) के अध्यक्ष हैं।
4. नजमा अख्तर
नजमा अख्तर April 2019 से Jamia Millia Islamia University की Vice Chancellor हैं। वह इस पद को संभालने वाली प्रथम महिला हैं।
5. टी वी कट्टिमणि
आंध्र प्रदेश की केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय (CTUAP) के प्रथम Vice Chancellor हैं। उच्च शिक्षा में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कर्नाटक के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “कर्नाटक राज्योत्सव अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया है।
6. मिशेल डैनिनो
मिशेल डैनिनो फ्रांसीसी मूल की एक भारतीय लेखक हैं। वह IIT गांधीनगर में अतिथि प्रोफेसर (Guest Professor) हैं। भारत सरकार ने साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 2017 में उन्हें पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया।
7. मिलिंद कांबले
मिलिंद कांबले एक भारतीय उद्यमी हैं और 2013 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वह IIM जम्मू के चेयरपर्सन हैं।
8. जगबीर सिंह
प्रो. (डॉ.) जगबीर सिंह, पूर्व प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष, पंजाबी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, को पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा का नया चांसलर नियुक्त किया गया है।
9. मंजुल भार्गव
मंजुल भार्गव भारतीय मूल की एक अमेरिकी गणितज्ञ हैं। उन्हें 2014 में फील्ड्स मेडल मिल चुका है।
10. एम के श्रीधर
एम के श्रीधर एक प्रशिक्षक और सामाजिक एवं राष्ट्रीय मामलों पर कार्य करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उनके 30 पेपर प्रकाशित हो चुके हैं और 11 रिसर्च प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं। उन्हें कर्नाटक सरकार की ओर से “कर्नाटक राज्योत्सव पुरस्कार” और भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसोसिएशन की ओर से “जनरल प्रेसिडेंट गोल्ड मेडल” से सम्मानित किया जा चुका है।
एम के श्रीधर ने कर्नाटक ज्ञान आयोग और कर्नाटक राज्य नवाचार परिषद (Karnataka Government) के सदस्य सचिव के रूप में भी कार्य किया है। वह केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE), MHRD के सदस्य रहे हैं। हाल ही में, उन्होंने डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए बनी एक कमेटी के सदस्य और GOK की प्रौद्योगिकी-सक्षम शिक्षा पर विशेषज्ञ कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर भी कार्य किया है।
11. धीर झिंगरान
डॉ. धीर झिंगरान लैंग्वेज एंड लर्निंग फाउंडेशन (LLF) के संस्थापक डाइरेक्टर हैं। यह एक गैर लाभकारी संस्थान है, जो राजकीय प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की मूलभूत शिक्षा में सुधार लाने के लिए कार्य करती है। इससे पहले, एक IAS Officer के रूप में धीर झिंगरान ने असम सरकार के साथ प्रमुख सचिव (शिक्षा) के तौर पर कार्य किया। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) में निदेशक के तौर पर नीति निर्माण भूमिका में और सर्व शिक्षा अभियान (SSA) के परियोजना निदेशक के तौर पर भी कार्य किया।
12. शंकर मरुवाड़ा
शंकर मरुवाड़ा एकस्टेप फाउंडेशन के सह-संस्थापक और CEO हैं। वह एक उद्यमी और मार्केटिंग पेशेवर हैं, जिनके पास आधार (भारत के राष्ट्रीय पहचान कार्यक्रम) जैसी बड़ी परियोजनाओं पर कार्य करने का व्यापक अनुभव है, जहां वह डिमांड जेनरेशन और मार्केटिंग के प्रमुख थे।
• राष्ट्रीय संचालन समिति के लिए महत्वपूर्ण नियम
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के दृष्टिकोण के अनुसार, समिति 4 राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा विकसित करेगी। जो निम्न प्रकार से हैं –
1. स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा।
2. छोटे बच्चे की देखभाल और शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा।
3. शिक्षकों की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा।
4. प्रौढ़ शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा।
2. पाठ्यक्रम सुधारों के प्रस्ताव के लिए इन 4 क्षेत्रों से संबंधित NEP 2020 की सभी सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए, राष्ट्रीय संचालन समिति स्कूली शिक्षा, छोटे बच्चों की देखभाल और पढ़ाई (ECCE), शिक्षक शिक्षा और प्रौढ़ शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेगी।
3. समिति उपर्युक्त सभी 4 क्षेत्रों के विभिन्न पहलुओं पर National Focus Groups द्वारा अंतिम रूप दिए गए पत्रों पर चर्चा करेगी।
4. समिति राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के लिए टेक प्लेटफॉर्म पर आए राज्य पाठ्यक्रम की रूपरेखा से Input हासिल करेगी।
5. सभी राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा (NCF) भविष्य में संबंधित क्षेत्रों पर Covid-19 महामारी जैसी परिस्थितियों के प्रभाव को भी स्पष्ट करेगी।
6. इसकी बैठकें आयोजित करते समय समिति विषय विशेषज्ञों, विद्वानों, शिक्षाविदों आदि को जब भी आवश्यक हो आमंत्रित कर सकती है और विचार-विमर्श कर सकती है। इसके साथ ही, वह राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए तय समयसीमा के अंदर काम करते हुए अगले कदम पर फैसले ले सकती है।
7. समिति विभिन्न हितधारकों जैसे, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और NCERT की कार्यकारी समिति (EC) और जनरल बॉडी (GB) और केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) की बैठकों से भी आए सुझावों को शामिल करने के बाद राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा को अंतिम रूप देगी।
8. राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC) का कार्यकाल इसकी अधिसूचना की तिथि से 3 वर्ष होगा।
9. NCERT के निदेशक अपने मॉड्यूल को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC) की सहायता करेंगे।
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1. राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 (NCF 2005)
2. निपुण भारत मिशन की क्रियान्वित के लिए राष्ट्रीय संचालन समिति (NSC) की स्थापना