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राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) क्या है

विद्यालय शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा विकसित एक सर्वेक्षण कार्यक्रम है।

• राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण क्या है

विद्यालय शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा विकसित एक सर्वेक्षण कार्यक्रम है जिसके तहत कक्षा 3, 5, 8 और 10 के छात्रों की सीखने के स्तर का मूल्यांकन हेतु परीक्षाएं आयोजित की जाती है।

यह कार्यक्रम शैक्षिक मूल्यांकन तथा उपलब्धि स्तर दोनों प्रकार का है। इस सर्वेक्षण में पांच विषयों भाषा, सामाजिक विज्ञान, गणित, विज्ञान और पर्यावरण अध्ययन की उपलब्धि की जांच की जाती है।

राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण आकलन की एक बड़े स्तर पर होने वाली कवायद है। जिससे कि संपूर्ण देश के शैक्षिक स्तर का जायजा लिया जा सके। राष्ट्रीय उपलब्ध सर्वेक्षण (NAS) इस बात की एक गहन समझ विकसित करने के क्रम में सूचनाएं जुटाने की एक प्रक्रिया है कि विद्यार्थी क्या जानते हैं, समझते हैं और अपने शैक्षणिक अनुभवों के परिणामस्वरूप अपने ज्ञान के साथ क्या कर सकते हैं।

यह शैक्षिक सर्वेक्षण जिसमें प्रतिनिधि शिक्षार्थियों के सैंपल का चयन इस तरह किया गया जो समूह का उचित आकलन प्रस्तुत कर सके। राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण कोई परीक्षा नहीं है। यह शिक्षा व्यवस्था के स्वास्थ्य की जांच है। राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण को व्यक्तिगत रुप से नहीं जांचता।

सर्वेक्षण में सीखने की उपलब्धि के निर्धारक सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि, संदर्भ और संस्थागत कारक जैसे स्कूल, शिक्षक और सीखने के माहौल को भी शामिल किया जाता है।

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण

• राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण का उद्देश्य क्या है

राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण के परिणाम का राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तर और जिला स्तर पर शिक्षार्थियों के सीखने के प्रतिफलों को बेहतर करने हेतु नीति निर्माण, योजना निर्माण और सीखने सिखाने की प्रक्रियाओं को डिजाइन करने में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

आधिकारिक रूप से वर्ष 2001 से भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने स्वयं एक वृहद स्तरीय सर्वेक्षण का खाका तैयार किया, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी द्वारा अधिगम प्रतिफलों के आधार पर राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण आयोजित किया जाता है।

बच्चों के अधिगम स्तर में बेहतरी का निरीक्षण करने और समय-समय पर संपूर्ण सरकारी शिक्षा व्यवस्था की सेहत की समग्र जांच करने के लिए एनसीईआरटी वर्ष 2001 से कक्षा 3, 5 और 8 के लिए नियतकालिक राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण आयोजित कर रहा है। एनएसए रिपोर्ट बच्चों की व्यक्तिगत या विद्यालयवार उपल्ब्धि की बजाय एक राष्ट्र स्तरीय और राज्यस्तरीय उपलब्धि का चित्रण प्रस्तुत करता है। शिक्षा व्यवस्था किस हद तक अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल हो पाई है, राष्ट्रीय स्तर पर और राज्यवार कहां-कहां प्रयास किए जाने की आवश्यकता है, इसे समझने का एनएसए एक जरिया है।

एनएएस का उद्देश्य ऐसा चित्रण प्राप्त करना है जो यह दर्शाए की किसी विशेष कक्षा स्तर के लिए तय मापदंड (जो एनसीईआरटी द्वारा लर्निंग आउटकम के तौर पर तैयार किए गए हैं) की तुलना में शिक्षार्थी क्या जानते हैं, क्या कर सकते हैं और इसके माध्यम से उन कमियों /अधिगम अंतराल को पहचानना जहां सुधार की आवश्यकता है। इस सूचना का उपयोग उन नीतियों के निर्माण हेतु किया जाता है जिनके माध्यम से शिक्षा कार्यक्रमों में बच्चों के अधिगम स्तर सुधारने के लिए कार्यक्रम बनाए जाते हैं।

एनसीईआरटी द्वारा एनएएस के परिणामों को इस्तेमाल किए जाने संबंधी निर्देश राज्यों को जारी किए जाते हैं जिससे राज्य अपने प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों में विभिन्न पाठ्यवस्तु से जुड़ी मिथ्या धारणाओं और अधिगम अंतराल को पहचानते हुए उनके कारणों की ठोस पड़ताल करते हुए अधिगम स्तर सुधारने के प्रयास कर सकें।

राष्ट्रीय स्तर पर एनसीईआरटी इसकी योजना बनाती है, इसके लिए आवश्यक टूल डिजाइन करती है। राज्य स्तर पर आरएससीईआरटी व समसा के दिशा निर्देशन में आयोजित किया जाता है।

प्रथम बार यह है नेशनल शैक्षिक अचीवमेंट सर्वेक्षण (NAS) 13 नवंबर 2017 को एनसीईआरटी द्वारा चयनित विद्यालयों में ही किया गया था। 2017 में प्रारम्भिक स्तर पर राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Educational Achievement Survey) में कक्षा 3, 5 और 8 के लिए जिसमें कक्षा 3 और 5 के लिए हिंदी, गणित, पर्यावरण तथा कक्षा 8 के लिए हिंदी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए यह परीक्षा आयोजित की गई।

वर्तमान में राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) में कक्षा 10 को भी शामिल कर लिया गया है। तथा पहले की तरह चयनित विद्यालयों में नहीं परंतु देश भर के सभी राजकीय विद्यालयों और राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में यह मूल्यांकन सर्वेक्षण किया जाता है।

फरवरी, 2018 को पूरे देश में 10 वीं कक्षा के लिए सर्वेक्षण किया गया था। पूरे देश में सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में आकलन किया गया। इसमें अंग्रेजी, गणित समेत 5 विषयों का मूल्यांकन किया गया था।

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• नेशनल अचीवमेंट सर्वे का उद्देश्य

1. देश के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चे किस विषय में कमजोर है तथा कौन से विषय की पाठ्यवस्तु उन्हें नहीं आती है, यह जानने के लिए कक्षा 3, 5, 8 और 10 के बच्चों का मूल्यांकन करना है।

2. बच्चों के सीखने के स्तर में गुणात्मक सुधार लाने के लिए।

3. नेशनल अचीवमेंट सर्वेक्षण (NAS) की आवश्यकता शिक्षा प्रणाली की दक्षता को समझने के लिए।

4. शिक्षा संबंधी योजना निर्माण और गुणात्मक सुधार में मार्गदर्शन प्राप्ति के लिए।

5. यह पता लगाना की बच्चों ने सिखने के प्रतिफल (Learning Outcome) की संप्राप्ति कहा तक की है। इसलिए ही नेशनल अचीवमेंट सर्वेक्षण के लिए एनसीईआरटी द्वारा प्रश्न पत्रों का निर्माण सिखने के प्रतिफलों पर आधारित होता है।

• भारत में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (History of NAS Cycles Completed)

Survey Cycles -1

कक्षा – 3 (2003-04) (गणित एवं भाषा)

कक्षा 5 – (2001-02) (गणित, पर्यावरण अध्ययन एवं भाषा)

कक्षा 8 – (2002-03) (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं भाषा)

कक्षा 10 (2015-16) (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा एवं विविध)

Survey Cycles -2

कक्षा – 3 (2007-08) (गणित एवं भाषा)

कक्षा 5 – (2005-06) (गणित, पर्यावरण अध्ययन एवं भाषा)

कक्षा 8 – (2007-08) (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं भाषा)

कक्षा 10 (2017-18) (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा एवं विविध)

Survey Cycles -3

कक्षा – 3 (2012-13) (गणित एवं भाषा)

कक्षा 5 – (2009-11) (गणित, पर्यावरण अध्ययन एवं भाषा)

कक्षा 8 – (2010-13) (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं भाषा)

Survey Cycles -4

कक्षा – 3 (2015-16) (गणित एवं भाषा)

कक्षा 5 – (2014-15) (गणित, पर्यावरण अध्ययन एवं भाषा)

कक्षा 8 – (2015-16) (गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान एवं भाषा)

• राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण से अपेक्षाएं

1. सीखने के प्रतिफल की प्राप्ति

2. सीखने के दौरान अधिगम न्यूनता की पहचान करना

3. शिक्षकों का क्षमता संवर्धन

4. गुणात्मक पहलुओं पर क्रियात्मक पहल

5. कक्षाकक्ष गतिविधियों को संबलन देना

• राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2017

केंद्र सरकार द्वारा कक्षा 3, 5 और 8 में सीखने के स्तर की जांच के लिए 13 नवंबर 2017 को सभी राज्यों में सर्वे हुआ। इस सर्वे की निम्नलिखित विशेषताएं हैं –

1. नमूने का माप बहुत बड़ा है।

2. पहली बार कक्षा 3, 5 और 8 को सर्वे में एक साथ शामिल किया गया। इससे पहले एक ही कक्षा को शामिल किया जाता रहा है।

3. यह भारत का अब तक का विशालतम सर्वे रहा है। इस सर्वे में 36 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के साथ 701 जिलों से 1,10,000 स्कूल, 2,70,000 शिक्षक व 22,00,000 बच्चे शामिल हुए।

4. पहली बार जिलेवार रिपोर्ट बनाई गई और जिला स्तर पर वितरण भी किया गया।

5. जिले के स्तर पर आवश्यकता आधारित संबलन व्यवस्था विकसित करने में मददगार होगा।

6. बच्चों के अधिगम में सहयोगी बनेगा।

7. सर्वे के दूसरे चरण में 2018 में कक्षा 10 के लिए एनएएस किया गया। इस सर्वे में निजी विद्यालय भी शामिल हुए।

• राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2021

राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण 2021 का आयोजन 12 नवंबर 2021 को पूरे देश में किया गया। इस सर्वेक्षण में पहली बार कक्षा 10 को शामिल किया गया है। इसमें पहले 2017 में आयोजित सर्वे में कक्षा 3, 5 और 8 शामिल थी। इस आकलन को प्रक्रिया कौशल और शिक्षा परिणामों जैसे मानकों के विपरीत छात्रों की शिक्षा को बेंचमार्क करने में इस्तेमाल किया जाएगा। NAS 2021, NEP 2021 में परिकल्पित कंटेंट और स्मृति आधारित आकलन की तुलना में योग्यता आधारित मूल्यांकन प्रणाली को लागू करेगा।

नेशनल अचीवमेंट सर्वे वैज्ञानिक रूप से तैयार किया गया उपलब्धि सर्वेक्षण है। N c E r T नोडल शैक्षणिक संस्था होने के नाते उपकरण विकास, परीक्षा आयोजित करने, परीक्षा सामग्रियों को अंतिम रूप देने जैसे कार्य करती है। NAS एक नमूना आधारित सर्वेक्षण होने के कारण, डाटा को ज्यादा प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रमाणिक बनाने के लिए नमूना डिजाइन महत्वपूर्ण है। नमूना डिजाइन, अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के तहत एक वैज्ञानिक तरीके से किया गया है।

• राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) 2024

राष्ट्रीय शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण NAS 2024 का आयोजन कक्षा 3. 6 व 9 के लिए 04 दिसंबर 2024 को होना निर्धारित है।

इस वर्ष के सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के लगभग पांच मिलियन छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा, जो कि 2021 में पिछले सर्वेक्षण में मूल्यांकन किए गए 3.7 मिलियन छात्रों से अधिक है।

एनएएस 2024 में भारत के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 792 जिलों के छात्र शामिल होंगे। यह शिक्षा के तीन महत्वपूर्ण स्तरों पर ध्यान केंद्रित करेगा: कक्षा 3, कक्षा 6 और कक्षा 9।

सर्वेक्षण 26 भाषाओं में आयोजित किया जाएगा, जिससे विविध भाषाई पृष्ठभूमि के छात्र इसमें भाग ले सकेंगे। इस वर्ष, छह नई भाषाएँ जोड़ी गई हैं: कश्मीरी, संस्कृत, सिंधी, संथाली, मैथिली और डोगरी, पिछले सर्वेक्षणों में पहले से इस्तेमाल की गई 20 भाषाओं के अलावा है।

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My name is Mahendra Kumar and I do teaching work. I am interested in studying and teaching competitive exams. My qualification is B.A., B.Ed., M.A. (Pol.Sc.), M.A. (Hindi).

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