इस आर्टिकल में भारत में बुद्धि परीक्षण का इतिहास, शाब्दिक परीक्षण, अशाब्दिक परीक्षण, निष्पादन परीक्षण आदि के इतिहास से संबंधित चर्चा की गई है।
शाब्दिक परीक्षण का इतिहास (Verbal Intelligence Test)
भारत में बुद्धि परीक्षण के निर्माण का इतिहास सन 1922 से प्रारंभ होता है जब F.C. College के प्राचार्य डॉक्टर सी एच राइस ने सर्वप्रथम बिने Binet test के आधार पर हिंदुस्तानी बिने टेस्ट बनाया।
यह प्रयास पर्याप्त सराहनीय था परंतु इस परीक्षण में कुछ दोष थे जिन्हें सन 1935 में मुंबई के श्री वी वी कामथ ने दूर करने के प्रयास किए। श्री कामथ ने मराठी व कन्नड़ भाषा में ‘मुंबई कर्नाटक रिवीजन ऑफ बिने टेस्ट’ बनाया।
इसी समय सन 1932 में पंडित लज्जा शंकर झा ने Simple Mental Test का प्रमाणीकरण किया। इसका प्रमाणीकरण 1000 बालकों पर किया गया। यह परीक्षण 10 से 18 वर्ष के बालकों के लिए था।
1936 में Dr. S. Jalota ने बर्ट तथा टरमैन के परीक्षण के आधार पर अंग्रेजी भाषा में एक सामूहिक बुद्धि परीक्षण Dr S. Jalota Intelligence Test निर्मित किया।
Central Training College के श्री R.R.Kumariya ने सन 1937 में उर्दू भाषा में एक सामूहिक बुद्धि परीक्षण बनाया। 1937 में ही श्री L.K.Shah ने हिंदी भाषा में ‘Group Mental Ability Test’ का निर्माण किया। श्री सि.टी. फिलिप ने तमिल भाषा में Group Verbal Mental Ability Test बनाया।
द्वितीय विश्वयुद्ध के समय शाब्दिक तथा सामूहिक बुद्धि परीक्षणो का भारी मात्रा में निर्माण हुआ। युद्ध काल के दौरान ही Dr. Sohanlal ने 45 मिनट का एक बुद्धि परीक्षण हिंदी में बनाया।
1943 मे Patna University के श्री S. M. Mohsin ने बुद्धि परीक्षण की एक श्रखंला का निर्माण किया तथा अलीगढ़ के D.S. Collage के श्री झिंगरन ने भी एक बुद्धि परीक्षण बनाया।
सन 1950-60 के मध्य केंद्रीय शिक्षा संस्थान (Central Institute of Delhi C.I.E.) दिल्ली तथा मनोविज्ञानशाला इलाहाबाद ने विभिन्न आयु वर्ग के बालकों के लिए पृथक-पृथक सामूहिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण तैयार किये।
सन 1960 में डॉक्टर एम.सी. जोशी ने 100 पदों वाला ‘सामान्य मानसिक योग्यता परीक्षण’ तैयार किया जिसका प्रमाणीकरण 7830 छात्रों पर किया।
सन् 1964 में डॉ. प्रयाग मेहता ने 1800 बालकों पर प्रमाणीकरण कर ‘सामूहिक बुद्धि परीक्षण’ बनाया। इसी समय डॉक्टर जलोटा ने अपने साधारण मानसिक योग्यता परीक्षण का संशोधन किया।
उपर्युक्त प्रयास केवल किशोरावस्था तक के बालकों की बुद्धि का माप करने की दिशा में हुए, किंतु 1964 ईस्वी में कोलकाता के श्री मजूमदार ने वेश्लर वेलेव्यू बुद्धि परीक्षण का बंगाली भाषा में अनुकूलन किया।
1970 में आगरा की श्रीमती जी पी सैरी ने व्यस्क बुद्धि परीक्षण की रचना की। वेश्लर के बुद्धि परीक्षण के ही अनुरूप सन 1971 में मुरादाबाद के श्री पी एन मेहरोत्रा ने एक मिश्रित बुद्धि परीक्षण बनाया।
अशाब्दिक परीक्षण का इतिहास
अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण निर्माण की दिशा में सर्वप्रथम अहमदाबाद के प्रो. पटेल ने गुडएनफ ‘ड्रा ए मैन टेस्ट’ का गुजराती भाषा में अनुकूलन किया। इसी प्रकार बड़ोदरा की प्रमिला पाठन ने ‘ड्रा ए मैन टेस्ट’ का भारतीय परिस्थितियों के लिए अनुकूलन किया।
दिल्ली की Central Institute of Education ने जेनकिंस के अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण का भारतीयकरण किया। इसी प्रकार मनोविज्ञानशाला इलाहाबाद रेविन के ‘प्रोग्रेसिव मैट्रिक्स’ तथा पिजन के अशाब्दिक परीक्षण का भारतीयकरण किया।
उक्त परीक्षाओं के भारतीयकरण के अलावा कुछ विद्वानों ने अपने मौलिक चित्र भी बनाए। सन 1938 में मैंजिल ने एक मौलिक अशाब्दिक परीक्षण बनाया। इसी प्रकार सन 1942 में विकरी तथा ड्रेवर ने ऐसा ही परीक्षण बनाया। कलकत्ता विश्वविद्यालय के श्री रामनाथ कुंडू ने वयस्कों के लिए एक अशाब्दिक परीक्षण बनाया।
सन 1966 में श्री अयोध्या नाथ मिश्र ने ‘ह्यूमन फिंगर ड्राइंग टेस्ट’ का प्रमापीकरण किया। कोलकाता के श्री जी श्री एस. चटर्जी तथा एम.मुखर्जी ने भी एक अशाब्दिक परीक्षण बनाया। सन 1968 में जौनपुर के श्री रघुवंश त्रिपाठी ने नॉन वर्बल ग्रुप ऑफ़ इंटेलिजेंस का निर्माण किया।
निष्पादन परीक्षण का इतिहास (Performance Test)
भारत में निम्न निष्पादन बुद्धि परीक्षणों का भारतीयकरण तथा प्रमापीकरण हो चुका है।
- गोडार्ड फार्म बोर्ड – पटेल व पानवाला ने गुजराती में किया।
- ड्राइंग ए मैन टेस्ट – उदयपुर के डॉक्टर श्रीमाली ने किया।
- कोह ब्लॉक डिजाइन टेस्ट – मनोविज्ञानशाला, इलाहाबाद में भारतीयकरण किया।
इसके अलावा श्री चंद्रमोहन भाटिया तथा मनोविज्ञानशाला, इलाहाबाद ने भी इस दिशा में अनेक कार्य किए हैं।
डॉ गुड एनफ ड्राइंग ए मैन टेस्ट
इस परीक्षण में व्यक्ति या विषयी से मनुष्य की आकृति खिंचने को कहा जाता है जिसके आधार पर उसकी बुद्धि का मापन किया जाता है।
भाटिया बैटरी परीक्षण (Bhatiya Bettety Test)
डॉ चंद्रमोहन भाटिया द्वारा निर्मित बुद्धि मापन की भाटिया बैटरी परीक्षण में पांच उप परीक्षण होते हैं। जिनमें से सभी का निष्पादन व्यक्तिगत रूप से ही होता है। यह परीक्षण क्रमशः कोह ब्लॉक टेस्ट, पास एलोग टेस्ट, आकृति निर्माण परीक्षण, तात्कालिक समृति परीक्षण एवं तस्वीर निर्माण परीक्षण है।
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- बुद्धि परीक्षणों के प्रकार : व्यक्तिगत और सामूहिक
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
किस वर्ष मोहसीन सामान्य बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया गया?
उत्तर : 1943 मे Patna University के श्री S. M. Mohsin ने बुद्धि परीक्षण की एक श्रखंला मोहसीन सामान्य बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया।
भारत में किसने सबसे पहले बुद्धि परीक्षण का निर्माण किया?
उत्तर : भारत में बुद्धि परीक्षण के निर्माण का इतिहास सन 1922 से प्रारंभ होता है जब F.C. College के प्राचार्य डॉक्टर सी एच राइस ने सर्वप्रथम बिने Binet test के आधार पर हिंदुस्तानी बिने टेस्ट बनाया।
बुद्धि मापन की भाटिया बैटरी परीक्षण में कितने उप परीक्षण हैं?
उत्तर : डॉ चंद्रमोहन भाटिया द्वारा निर्मित बुद्धि मापन की भाटिया बैटरी परीक्षण में पांच उप परीक्षण होते हैं। जिनमें से सभी का निष्पादन व्यक्तिगत रूप से ही होता है। यह परीक्षण क्रमशः कोह ब्लॉक टेस्ट, पास एलोग टेस्ट, आकृति निर्माण परीक्षण, तात्कालिक समृति परीक्षण एवं तस्वीर निर्माण परीक्षण है।