इस आर्टिकल में दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन आसियान के बारे में, आसियान का गठन, आसियान का मुख्यालय, आसियान देशों की कुल संख्या, आसियान के मुख्य उद्देश्य, आसियान शिखर सम्मेलन आदि के बारे में चर्चा की गई है।
आसियान से क्या आशय है?
आसियान (ASEAN) एक दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। आसियान का उद्देश्य मुख्य रूप से सदस्य राष्ट्रों में आर्थिक विकास को तेज करना और उसके माध्यम से राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासन आदि क्षेत्रों में परस्पर सहयोग करना है। आसियान यूरोपीय संघ की तरह यह अधिराष्ट्रीय संगठन नहीं है।
बुनियादी रूप से आसियान एक आर्थिक संगठन था। परंतु इसने समय के साथ सामाजिक-सांस्कृतिक और सुरक्षा के क्षेत्र को भी इसमें शामिल कर लिया है।
एशिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्रीय संगठन है जो एशियाई देशों और विश्व शक्तियों को राजनीतिक और सुरक्षा मामलों पर चर्चा के लिए राजनीतिक मंच पर उपलब्ध करता है। आसियान का पूरा नाम दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्र संगठन (Association Of South East Asian Nation) है।
आसियान का गठन कब हुआ?
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्र संगठन (आसियान) की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को 5 संस्थापक देशों ने बैंकॉक घोषणा पर हस्ताक्षर करके मनीला में आसियान की स्थापना की। आसियान का प्रथम अधिवेशन 1970 में बाली में हुआ।
आसियान में कितने सदस्य देश है?
आसियान में कुल सदस्य देशों की संख्या 10 है। संस्थापक सदस्य देश 5 है – इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, और थाईलैंड।
1984 में ब्रूनेई, 1995 में वियतनाम, 1997 में लाओस एवं मयांमार, 1999 में कंबोडिया आसियान में शामिल हुए। आसियान के वर्तमान अध्यक्ष सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिन लूंग है।
आसियान के मुख्य उद्देश्य क्या है?
(1) आसियान का उद्देश्य मुख्य रूप से सदस्य राष्ट्रों में आर्थिक विकास को तेज करना और उसके माध्यम से राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, व्यापारिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासन आदि क्षेत्रों में परस्पर सहयोग करना है।
(2) 1971 में हवाई सेवाओं के व्यापारिक अधिकारों की रक्षा एवं 1972 में फंसे जहाजों को सहायता पहुंचाने से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए।
(3) सांझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना।
(4) 1970 बाली इंडोनेशिया शिखर सम्मेलन के माध्यम से बाहरी आयात कम और पारस्परिक व्यापार को महत्व, खाद्य एवं ऊर्जा शक्ति अभाव वाले क्षेत्रों को मदद, व्यापार को अधिकाधिक क्षेत्रीय बनाने का प्रयास किया गया।
आसियान शैली (ASEAN Way) क्या है?
आसियान शैली आसियान देशों की अनौपचारिक, टकराव रहित और सहयोगात्मक मेल मिलाप, राष्ट्रीय सार्वभौमिकता का सम्मान करना जैसी कामकाज की शैली है।
आसियान संघ का झंडा
आसियान संगठन का झंडा नीले रंग की पृष्ठभूमि में धान की 10 बलिया जो 10 सदस्य देशों को इंगित करती है जो आपस में मित्रता और एकता के धागे में बंधे हुए हैं।
आसियान का राष्ट्रवाक्य : “One Vision, One Identity, One Community” “एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय”।
आसियान का राष्ट्रगान : “द आसियान वे”
आसियान संघ के समुदाय कौन कौन से हैं?
2003 में आसियान ने यूरोपीय संघ की भांति निम्न समुदायों का गठन किया –
आसियान सुरक्षा समुदाय – क्षेत्रीय विवादों को सैन्य टकराव तक न ले जाने हेतु इसकी स्थापना की गई।
आसियान आर्थिक समुदाय – इस समुदाय के गठन का प्रस्ताव भारतीय प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने दिया। इस समुदाय का उद्देश्य सांझा बाजार और उत्पादन आधार तैयार करना है।
आसियान सामाजिक सांस्कृतिक समुदाय
आसियान क्षेत्रीय मंच (फोरम) – आसियान देशों की सुरक्षा और विदेश नीतियों में तालमेल बिठाने हेतु 1994 में इस मंच की स्थापना की। इस मंच के 27 सदस्य देश है।
क्या भारत आसियान का सदस्य है – सदस्य नहीं है परंतु पूर्ण संवाद सहभागी है। 1992 में भारत आसियान का क्षेत्रीय संवाद भागीदार बना और 1996 में पूर्ण संवाद सहभागी सदस्य बन गया। साथ ही रूस और चीन को भी पूर्ण संवाद सहभागी का स्तर प्रदान किया गया।
आसियान विजन 2020 : आसियान के विजन 2020 का अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बहुर्मुखी भूमिका है। आसियान विजन 2020 द्वारा टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति को प्राथमिकता दी गई हैै। इसी के मध्यनजर आसियान ने कंबोडिया और पूर्वी तिमोर के टकराव को समाप्त किया। 1997 में आसियान विजन 2020 को अपनाया गया।
आसियान प्लस थ्री APT (ASEAN +3) : 1997 से शुरू किया गया यह एक परामर्श समूह है। इसमें 10 सदस्य देशों के अलावा +3 देश चीन, जापान और दक्षिण कोरिया इस समूह के सदस्य देश है। इस प्रकार कुल मिलाकर 13 सदस्य (10+3) देश है।
आसियान शिखर सम्मेलन : आसियान की सर्वोच्च नीति निर्माता संस्था है। यह संस्था आसियान की नीतियों और उद्देश्यों के लिए दिशा निर्धारित करती है। शिखर सम्मेलन वर्ष में दो बार (वर्ष 2008 से) आयोजित किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में आसियान की भूमिका
- आसियान की असली ताकत अपने सदस्य देशों, सहभागी सदस्यों और बाकी गैर क्षेत्रीय संगठनों के बीच निरंतर संवाद और परामर्श करने की नीति में है।
- तेजी से बढ़ता हुआ एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संगठन
- टकराव की जगह बातचीत की नीति से कंबोडिया और पूर्वी तिमोर के संकट को टाला है।
- पूर्वी एशियाई सहयोग पर बातचीत हेतु 1999 से नियमित वार्षिक बैठक।
भारत और दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान)
(1) भारत ने दो आसियान देशों सिंगापुर और थाईलैंड के साथ मुक्त व्यापार का समझौता किया है।
(2) भारत, आसियान के साथ मुक्त व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किए है। 8-10-2003 को दक्षिणा-पूर्व एशियाई राष्ट्र संगठन (ASEAN) के साथ अपने व्यापक आर्थिक सहयोग को सक्रिय करने हेतु एक ड्राफ्ट समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह वार्ता 6 वर्ष तक चलने के बाद 13-08-2009 को बैंकॉक (थाईलैंड) में आयोजित ASEAN के आर्थिक समूह के मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत-आसियान मुक्त वस्तु व्यापार समझौता (AIFTA) पर हस्ताक्षर किए गए।
(3) भारत भी आसियान का सदस्य बनने को प्रयासरत है।
(4) भारत की 1991 से पूर्व की ओर चलो (एक्ट ईस्ट) की नीति के तहत पूर्वी एशिया (आसियान, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया) से आर्थिक संबंधों में बढ़ोतरी कर रहा है।
(5) 17 वां आसियान-भारत शिखर सम्मेलन नवंबर 2020 में वर्चुअल तरीके से आयोजित किया गया।
(6) एशियन इंडियन बिजनेस काउंसिल (ASEAN-India Business Council -AIBS) की स्थापना भारत और आसियान देशों के निजी क्षेत्र के प्रमुख उद्यमियों को एक मंच पर लाने के लिए 2003 में की गई।
आसियान से संबंधित लेटेस्ट जानकारी
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सुश्री अनुप्रिया पटेल ने 24 अगस्त 2021 को विदेश मंत्रालय और वाणिज्य विभाग के सहयोग से इंजीनियरिंग निर्यात संवर्धन परिषद (ईईपीसी) द्वारा आयोजित “भारत-आसियान इंजीनियरिंग साझेदारी शिखर सम्मेलन” का उद्घाटन किया। इस शिखर सम्मेलन का फोकस इंजीनियरिंग क्षेत्र में सहयोग पर है।
शिखर सम्मेलन इंजीनियरिंग व्यापार और निवेश में भारत-आसियान साझेदारी पर भारतीय उद्योग की भागीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। यह मंच सरकार द्वारा इंजीनियरिंग के साथ-साथ व्यापारिक निर्यात दोनों के संदर्भ में निर्धारित ऐतिहासिक निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
तमिलनाडु सरकार इस कार्यक्रम में “पार्टनर स्टेट” के रूप में शामिल हुई, जबकि हरियाणा सरकार “फोकस स्टेट” के रूप में शामिल हुई।
वर्ष 2021 दोनों भागीदारों के लिए विशेष है क्योंकि यह भारत-आसियान संवाद साझेदारी की 25 वीं वर्षगांठ और सामरिक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है।
आसियान शिखर सम्मेलनों का आयोजन
- प्रथम शिखर सम्मेलन – 1976 में बाली, इंडोनेशिया
- दूसरा शिखर सम्मेलन – 1977 में कुआलालम्पुर, मलेशिया
- तिसरा शिखर सम्मेलन – 1987 में मनिला, फिलिपिंस
- चौथा शिखर सम्मेलन – 1992 में सिंगापुर
- पांचवां शिखर सम्मेलन – 1995 में बैकांक, थाईलैंड
- छठा शिखर सम्मेलन – 1998 में हनोई, वियतनाम
- सातवां शिखर सम्मेलन – 2001 में ब्रुनेई
- आठवां शिखर सम्मेलन – 2002 में नामपेन्ह, कंबोडिया
- नवां शिखर सम्मेलन – 2003 में बाली, इंडोनेशिया
- दसवां शिखर सम्मेलन – 2004 में लाओस
- ग्यारहवां शिखर सम्मेलन – 2005 में कुआलालम्पुर, मलेशिया
- 12 वां शिखर सम्मेलन – 2007 में फिलिपिंस
- 13 वां शिखर सम्मेलन – 2007 में सिंगापुर
- 32 वां और 33 वां शिखर सम्मेलन – 2018 में सिंगापुर
- 34 वां और 35 वां आसियान शिखर सम्मेलन – 2019 में बैंकाक थाईलैंड
- 36 वां और 37 वां आसियान शिखर सम्मेलन – 2020 में हनोई, वियतनाम (वर्चुअल तरीके से)
- 38 वां और 39 वां आसियान शिखर सम्मेलन – 2021 में ब्रुनेई दारुस्सलाम में।
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- दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या भारत आसियान का सदस्य है?
उत्तर : भारत आसियान का सदस्य नहीं है, परंतु पूर्ण संवाद सहभागी है। 1992 में भारत, आसियान का क्षेत्रीय संवाद भागीदार बना और 1996 में पूर्ण संवाद सहभागी सदस्य बन गया। साथ ही रूस और चीन को भी पूर्ण संवाद सहभागी का स्तर प्रदान किया गया। भारत भी आसियान का सदस्य बनने को प्रयासरत है।
आसियान के वर्तमान अध्यक्ष कौन है?
उत्तर : आसियान के वर्तमान अध्यक्ष सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिन लूंग है।
आसियान के संस्थापक सदस्य देशों की संख्या कितनी है?
उत्तर : आसियान में कुल सदस्य देशों की संख्या 10 है। संस्थापक सदस्य देश 5 है- इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, और थाईलैंड। 1984 में ब्रूनेई, 1995 में वियतनाम, 1997 में लाओस एवं मयांमार, 1999 में कंबोडिया आसियान में शामिल हुए।
आसियान विजन 2020 क्या है?
उत्तर : आसियान के विजन 2020 का अंतरराष्ट्रीय समुदाय में बहुर्मुखी भूमिका है। आसियान विजन 2020 द्वारा टकराव की जगह बातचीत को बढ़ावा देने की नीति को प्राथमिकता दी गई हैै। इसी के मध्यनजर आसियान ने कंबोडिया और पूर्वी तिमोर के टकराव को समाप्त किया। 1997 में आसियान विजन 2020 को अपनाया गया।
आसियान प्लस थ्री (ASEAN +3) क्या है?
उत्तर : 1997 से शुरू किया गया यह एक परामर्श समूह है। इसमें 10 सदस्य देशों के अलावा +3 देश चीन, जापान और दक्षिण कोरिया इस समूह के सदस्य देश है। इस प्रकार कुल मिलाकर 13 सदस्य (10+3) देश है।