In This Article Most Important MCQ On Micro Teaching And Micro Teaching Cycle in hindi.
इस आर्टिकल में सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching) तथा सूक्ष्म शिक्षण चक्र (Micro Teaching Cycle) से संबंधित बहुविकल्पी प्रश्न (MCQ) दिए गए हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है।
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Q. 01. सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching) के बारे में कौन सा कथन असत्य है –
- सूक्ष्म शिक्षण में विभिन्न शिक्षण कौशलों (Teaching Skills) का अभ्यास कराया जाता है।
- सूक्ष्म शिक्षण का कार्य जटिल शिक्षण प्रक्रिया को सरल बनाना है।
- इस प्रणाली में निपुणता (Skills) पर बल दिया जाता है।
- इस प्रणाली में शिक्षण कौशलों में वृद्धि के लिए पृष्ठपोषण (feedback) का कोई स्थान नहीं है।
4. इस प्रणाली में शिक्षण कौशलों में वृद्धि के लिए पृष्ठपोषण (feedback) का कोई स्थान नहीं है।
Q. 02. सूक्ष्म शिक्षण (Micro Teaching) के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए –
- (a) यह छोटे आकार की कक्षा में कम समय में पूर्ण होती है।
- (b) सूक्ष्म शिक्षण में पृष्ठपोषण के द्वारा शिक्षण कौशलों में वृद्धि की जाती है।
- (c) सूक्ष्म शिक्षण नियंत्रित वातावरण में अभ्यास का सत्र है।
- (d) इसमें एक समय में एक ही शिक्षण कौशल का अभ्यास करवाया जाता है।
- कथन a और b सही है
- कथन a, b और c सही है
- कथन a, c और d सही है
- कथन a, b, c और d सही है
4. कथन a, b, c और d सही है
Q. 03. सूक्ष्म शिक्षण का अर्थ नहीं है –
- सूक्ष्म शिक्षण प्रशिक्षण कि वह प्रविधि है जिसमें एक समय में एक ही शिक्षण कौशल का अभ्यास करवाया जाता है।
- सूक्ष्म शिक्षण में छात्राध्यापकों को विद्यालयों में जाकर वास्तविक अध्यापन करवाना होता है।
- इसमें शिक्षण में निपुणता एवं कुशलता प्राप्त करने पर बल रहता है।
- इसमें छात्राध्यापक के अध्यापन में प्रतिपुष्टि द्वारा परिवर्तन लाया जाता है।
2. सूक्ष्म शिक्षण में छात्राध्यापकों को विद्यालयों में जाकर वास्तविक अध्यापन करवाना होता है।
Q. 04. क्या सूक्ष्म शिक्षण वास्तविक शिक्षण है ?
- हां
- नहीं
- अलग अलग दृष्टिकोण से हां और नहीं दोनों ही
- कुछ कह नहीं सकते।
3. अलग अलग दृष्टिकोण से हां और नहीं दोनों ही
व्याख्या – सूक्ष्म शिक्षण कृत्रिम स्थिति में करवाया जाता है, इसलिए वास्तविक शिक्षण नहीं हो सकता। वास्तविक शिक्षण इसलिए होता है कि इसमें छात्राध्यापक वास्तविक पाठ्यवस्तु को वास्तविक रूप से पढ़ाते हैं। वास्तविक शिक्षण इसलिए नहीं होता कि इसमें पाठ्यवस्तु की और बहुत ही कम ध्यान दिया जाता है। मुख्य रूप से ध्यान कौशल सिखने पर रहता है।
Q. 05. सूक्ष्म शिक्षण की अवधारणा (Concept of Micro Teaching) का विकास कब और कहां हुआ था ?
- America में 1961 में
- Britain में 1959 में
- France में 1972 में
- Italy में 1955 में
1. America में 1961 में
व्याख्या – सूक्ष्म शिक्षण की अवधारणा का विकास 1961 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय केलिफोर्निया (USA) के शोध अध्ययन के द्वारा किया गया। सूक्ष्म शिक्षण की शुरुआत 1961 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में शोधार्थी कीथ एचिसन के द्वारा हुई।
Q. 06. “सूक्ष्म शिक्षण एक ऐसी व्यवस्थित प्रणाली है जिसमें वीडियो टेप के माध्यम से विशिष्ट शिक्षण कौशलों की सूक्ष्मता से पहचान की जाती है तथा पृष्ठपोषण द्वारा शिक्षण कौशलों में वृद्धि की जाती है।” सूक्ष्म शिक्षण की परिभाषा किसने दी –
- डी डब्ल्यू एलन ने
- एलन एवं ईव ने
- पैक एवं टकर ने
- मैक कॉलन ने
3. पैक एवं टकर ने
Q. 07. सूक्ष्म शिक्षण विधि के जनक कौन हैं –
- पैक एवं टकर
- मैक कॉलन
- क्लिफ्ट
- डी डब्ल्यू एलेन एवं कीथ एचिसन
4. डी डब्ल्यू एलेन एवं कीथ एचिसन
Q. 08. सूक्ष्म शिक्षण को एलन ने ‘अवरोही शिक्षण विधा’ क्यों कहा है ?
- क्योंकि इसमें छात्राध्यापक कई वांछित शिक्षण कौशलों को आवश्यकतानुसार जोड़कर पूरा शिक्षण करवाता है।
- क्योंकि इसमें शिक्षण सबसे पहले कठिन बिंदुओं का और फिर सरल बिंदुओं का करवाया जाता है।
- क्योंकि इसमें किसी विषय वस्तु का शिक्षण प्रारंभ से लेकर अंत तक पूर्ण करवाया जाता है।
- क्योंकि इसमें शिक्षण ऊपर से नीचे की ओर करवाया जाता है।
1. क्योंकि इसमें छात्राध्यापक कई वांछित शिक्षण कौशलों को आवश्यकतानुसार जोड़कर पूरा शिक्षण करवाता है।
Q. 09. निम्न कथनों पर विचार कीजिए –
- (a) सूक्ष्म शिक्षण में वास्तविक कक्षा शिक्षण की जटिलताओं को कम कर दिया जाता है।
- (b) सूक्ष्म अध्यापन में पाठ्यवस्तु को समझने का महत्व नहीं होता है।
- (c) सूक्ष्म अध्यापन के पर्यवेक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होती।
- (d) सूक्ष्म अध्यापन का उद्देश्य शिक्षण कौशल के अभ्यास द्वारा छात्राध्यापकों को शिक्षण में दक्ष बनाना है।
- कथन a और b सही है
- कथन a, b और c सही है
- कथन a, b और d सही है
- कथन a, b, c और d सही है
3. कथन a, b और d सही है
Q. 10. सूक्ष्म शिक्षण का प्रथम पद कौन सा है –
- आदर्श पाठ का प्रस्तुतीकरण
- विशिष्ट कौशल का चयन
- सूक्ष्म शिक्षण का सैद्धांतिक ज्ञान देना
- सूक्ष्म शिक्षण पाठ योजना (micro teaching lesson plan) तैयार करना।
3. सूक्ष्म शिक्षण का सैद्धांतिक ज्ञान देना
Q. 11. सूक्ष्म शिक्षण ‘अनुरूपी शिक्षण’ (Simulated Teaching) क्यों कहलाता है –
- क्योंकि इसमें सूक्ष्म पाठ योजना के अनुसार ही शिक्षण करवाया जाता है।
- क्योंकि इसमें शिक्षण कौशल के अनुरूप ही शिक्षण करवाया जाता है।
- क्योंकि इसमें शिक्षण का समय बहुत ही कम रहता है।
- क्योंकि इसमें प्रशिक्षणार्थी ही छात्रों का एवं पर्यवेक्षणकर्ता की भूमिका का निर्वाह करता है।
4. क्योंकि इसमें प्रशिक्षणार्थी ही छात्रों का एवं पर्यवेक्षणकर्ता की भूमिका का निर्वाह करता है।
Q. 12. सूक्ष्म शिक्षण पाठ योजना (Micro Teaching Lesson Plan) के प्रस्तुतीकरण हेतु कितना समय निश्चित रहता है ?
- 5 मिनट
- 10 मिनट
- 15 मिनट
- 45 मिनट
1. 5 मिनट
Q. 13. सूक्ष्म शिक्षण चक्र (Micro Teaching Cycle) की कुल अवधि कितनी मानी गई है ?
- 30 मिनट
- 45 मिनट
- 25 मिनट
- 15 मिनट
2. 45 मिनट
Q. 14. सूक्ष्म शिक्षण चक्र (Micro Teaching Cycle) के पदों का सही क्रम है –
- योजना – शिक्षण – पुनः पाठ योजना – पुनः शिक्षण – पुनः प्रतिपुष्टि
- योजना – शिक्षण – प्रतिपुष्टि – पुनः शिक्षण – पुनः प्रतिपुष्टि
- योजना – शिक्षण – प्रतिपुष्टि – पुनः पाठ योजना – पुनः प्रतिपुष्टि
- योजना – शिक्षण – प्रतिपुष्टि – पुनः पाठ योजना – पुनः शिक्षण – पुनः प्रतिपुष्टि
4. योजना – शिक्षण – प्रतिपुष्टि – पुनः पाठ योजना – पुनः शिक्षण – पुनः प्रतिपुष्टि
Q. 15. सूक्ष्म शिक्षण प्रतिमान पर भारत में अनुसंधान कार्य प्रारंभ करने का श्रेय है –
- उच्च शिक्षा संस्थान (IASE) अजमेर
- उच्च शिक्षा संस्थान (IASE) बड़ौदा
- उच्च शिक्षा संस्थान (IASE) शिमला
- उच्च शिक्षा संस्थान (IASE) पुणे
2. उच्च शिक्षा संस्थान (IASE) बड़ौदा
Q. 16. सूक्ष्म शिक्षण में प्रतिपुष्टि ऑडियो कैसेट एवं वीडियो फिल्म द्वारा दी जाती है। भारतीय परिस्थितियों में ऑडियो व वीडियो के स्थान पर किसकी संस्तुति की गई है –
- ग्रामोफोन
- मानवीय प्रेक्षक
- फिल्म्सट्रिप
- मोबाइल
2. मानवीय प्रेक्षक
Q. 17. सूक्ष्म शिक्षण के भारतीय प्रतिमान की विशेषता नहीं है –
- सूक्ष्म पाठ की समाप्ति के तुरंत बाद साथी छात्राध्यापकों के द्वारा ही अध्यापक को प्रतिपुष्टि दी जाती है।
- सूक्ष्म शिक्षण प्रक्रिया के दौरान ऑडियो कैसेट व वीडियो फिल्म का प्रयोग किया जाता है।
- सूक्ष्म शिक्षण प्रक्रिया में अनुकृति कक्षा का प्रयोग किया जाता है।
- सूक्ष्म शिक्षण के दौरान छात्राध्यापक ही अध्यापक, छात्र और पर्यवेक्षक की भूमिका निभाता है।
2. सूक्ष्म शिक्षण प्रक्रिया के दौरान ऑडियो कैसेट व वीडियो फिल्म का प्रयोग किया जाता है।
व्याख्या – सूक्ष्म शिक्षण में प्रदर्शन पाठ विद्यालय के छात्रों को न दिए जाकर सभी छात्राध्यापकों को ही दिए जाते हैं। इस प्रकार की कक्षा को अनुकृति कक्षा कहा जाता है।
Q. 18. सूक्ष्म शिक्षण का गुण (Advantage of Micro Teaching) नहीं है –
- तात्कालिक प्रतिपुष्टि
- पुनः पाठ नियोजन का अवसर
- एक समय में एक ही शिक्षण कौशल पर ध्यान केंद्रित
- शिक्षण परिस्थितियों पर नियंत्रण का अभाव
4. शिक्षण परिस्थितियों पर नियंत्रण का अभाव
Q. 19. सूक्ष्म शिक्षण का दोष है –
- वास्तविक कक्षा कक्ष परिस्थितियों में सफल नहीं
- पर्यवेक्षण का अभाव पाया जाता है
- प्रतिपुष्टि के लिए कोई स्थान नहीं
- शिक्षण अवधि का ज्यादा होना
4. शिक्षण अवधि का ज्यादा होना
Q. 20. सूक्ष्म शिक्षण का घटक अथवा तत्व नहीं है?
- विशिष्ट शिक्षण कौशल
- प्रतिपुष्टि अथवा पृष्टपोषण
- नियंत्रित वातावरण
- जटीलता
4. जटीलता
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