इस आर्टिकल में अधिगम स्थानांतरण क्या है (Transfer of learning in hindi), अधिगम स्थानांतरण की परिभाषाएं, अधिगम स्थानांतरण के प्रकार, अधिगम स्थानांतरण को प्रभावित करने वाले कारक आदि टॉपिक पर चर्चा की गई है।
अधिगम स्थानांतरण क्या है
अभिभावकों का कार्य बालकों को विद्यालय भेजना है जहां वे शिक्षा प्राप्त करते हैं, कुछ सीखते हैं और कुछ ना कुछ नवीन सीखकर उसका उपयोग परिस्थिति आने पर करते हैं। अध्यापक की भी भावनाएं यही रहती है कि छात्रों को जो ज्ञान दिया जाए उसका उपयोग वे समय आने पर कर सकें।
इस प्रकार एक समय में सीखे गए ज्ञान का उपयोग भविष्य में करना ही अधिगम अंतरण कहलाता है। सिखने की प्रक्रिया में सीखने का स्थानांतरण हो सकता है।
शिक्षा मनोविज्ञान में इसे अधिगम अंतरण (Transfer of Learning) अथवा प्रशिक्षण का स्थानांतरण (Transfer of Training) कहा जाता है।
बालकों के लिए यह विषय अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि उन से यह अपेक्षा की जाती है कि वह कक्षा के बाहर अध्यापक द्वारा प्रदान किए गए अनुभवों का उपयोग करें।
अधिगम अंतरण का अर्थ निम्नलिखित परिभाषाओं द्वारा स्पष्ट हो सकेगा :
अधिगम स्थानांतरण की परिभाषाएं
अधिगम अंतरण को अनेक मनोवैज्ञानिकों ने निम्नलिखित आधार पर व्यक्त किया है :
क्रो एवं क्रो के अनुसार, “सीखने के एक क्षेत्र में प्राप्त होने वाले ज्ञान, कुशलताओं, सोचने, अनुभव करने अथवा कार्य करने की आदतों का सीखने के दूसरे क्षेत्र में अनुप्रयोग साधारणत: प्रशिक्षण का स्थानांतरण है।”
सारेन्सन के अनुसार, “स्थानांतरण एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान प्रशिक्षण और आदतों का दूसरी परिस्थिति में स्थानांतरित किए जाने की ओर संकेत देता है।”
शैक्षिक अनुसंधान विश्वकोश, “अधिगम शब्द एक विशेष प्रकार के अंतरण रूप पर लागू होता है जिसमें अधिगम तथा परीक्षण की दशाओं में बहुत समानता रहती है।”
कोलेसनिक के अनुसार, “स्थानांतरण या अंतरण पहली परिस्थिति से प्राप्त ज्ञान, कुशलता, आदतों, अभियोग्यताओं या अन्य क्रियाओं का दूसरी परिस्थिति में प्रयोग करना है।”
अधिगम अंतरण (Transfer of Learning) की उपयुक्त परिभाषाओं के आधार पर निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि किसी एक विषय में उपलब्ध होने वाले ज्ञान अथवा किसी क्रिया का अभ्यास करने से होने वाले प्रशिक्षण का किसी अन्य परिस्थिति में प्रयोग करना अधिगम स्थानांतरण (Transfer of Learning) है।
अधिगम स्थानांतरण के उदाहरण
उदाहरण के लिए विद्यालय में सीखे गए अंग्रेजी के ज्ञान का उपयोग भविष्य में बातचीत करने के लिए किया जाना अथवा गणित की शिक्षा के आधार पर उसका उपयोग सामान खरीदने बेचने आदि में करना या कभी बचपन में सीखे गए नृत्य शिक्षा का उपयोग अपनी कला के प्रदर्शन हेतु करना आदि अनेक स्थितियां अधिगम स्थानांतरण के उदाहरण (Transfer of Learning Examples) हैं।
संक्षेपत: एक परिस्थिति में प्राप्त किए गए ज्ञान, प्रशिक्षण अथवा कार्य आदि का उपयोग दूसरी परिस्थिति में स्थानांतरित करना ही अधिगम का स्थानांतरण अथवा सीखने का स्थानांतरण (Transfer of Learning) है।
अधिगम स्थानांतरण के प्रकार
- नकारात्मक अधिगम अंतरण
- सकारात्मक अधिगम अंतरण
- एक पक्षीय अधिगम अंतरण
- द्विपक्षीय अधिगम अंतरण
- उदग्र अधिगम अंतरण
- क्षैतिज अधिगम अंतरण
सकारात्मक अधिगम अंतरण (Positive Transfer of Learning)
जब किसी एक प्रकार के प्रशिक्षण का प्रभाव दूसरे प्रकार के प्रशिक्षण पर सकारात्मक रूप से पड़ता है अथवा पूर्व में प्राप्त किया गया ज्ञान किसी नवीन समस्या को हल करने में सहायक होता है तो उसे धनात्मक अंतरण कहा जाता है।
उदाहरणार्थ : विद्यालय में सीखे हुए अंग्रेजी के ज्ञान का उपयोग वार्तालाप, पत्र व्यवहार अथवा इसी प्रकार की परिस्थितियों में करना सकारात्मक अंतरण है।
साइकिल चलाने वाला व्यक्ति स्कूटर आसानी से चला लेता है। गणित का ज्ञान होने पर सांख्यिकी समस्याओं का समाधान भी धनात्मक अंतरण है।
नकारात्मक अधिगम अंतरण (Negetive Transfer of Learning)
जब पूर्व में सीखा हुआ कोई ज्ञान अनुभव अथवा प्रशिक्षण भविष्य में किसी प्रकार की समस्या समाधान में बाधा पहुंचाता है तो उसे ऋणात्मक अंतरण कहते हैं।
उदाहरण : अंग्रेजी में सीखा हुआ टाइप का अनुभव हिंदी के टाइप में बाधक होता है।
एक अध्यापक कक्षा में छात्रों को गणित विषय का प्रकरण ‘भाग’ पढ़ा रहा है। इस दौरान अध्यापक बताता है कि किसी भी संख्या में उसी संख्या का भाग देने पर भागफल 1 आता है, जैसे कि 1/1=1, 2/2=1, 3/3=1 ……..10/10=1 उसके बाद छात्रों से पूछता है कि 0/0 क्या होगा? एक छात्र उत्तर देता है – 1 यह नकारात्मक अधिगम है।
एक अध्यापक कक्षा में छात्रों को अंग्रेजी विषय का प्रकरण वचन (Numbers) पढ़ा रहा है। इस दौरान अध्यापक बताता है House- houses, Blouse- blouses उसके बाद छात्रों से पूछता है कि mouse का बहुवचन (plural) क्या होगा? एक छात्र उत्तर देता है – mouses यह नकारात्मक अधिगम अंतरण है।
बोरिंग लेंगफील्ड एवं वैल्ड ने नकारात्मक अंतरण को परिभाषित करते हुए कहा है , “जब अधिगम किया गया कार्य दूसरे कार्य को सीखने में कठिनाई उत्पन्न करता है तो उसे सकारात्मक अंतरण कहते हैं।”
एक पक्षीय अधिगम अंतरण (One Sided Learning Transfer)
जब एक पक्ष द्वारा सिखे गए कौशल अथवा प्रशिक्षण का अंतरण समय आने पर दूसरे पक्ष पर उपयोगी सिद्ध हो जाता है तो उसे एक पक्षीय अंतरण कहा जाता है।
उदाहरणार्थ : बाएं हाथ से काम करने का अभ्यास किसी परिस्थिति विशेष में सहायक हो सकता है।
द्विपक्षी अधिगम अंतरण (Bilateral Transfer of Learning)
कभी-कभी शरीर के एक अंग को प्रदान किया गया कौशल अथवा प्रशिक्षण दूसरी और के अंगों में स्वत: चला जाता है तो उसे द्विपक्षीय अधिगम अंतरण कहा जाता है।
उदाहरणार्थ : प्राय: सभी बालक दाएं हाथ से ही लिखने, खाने आदि के अधिकांश कार्य करते हैं किंतु वे बाएं हाथ से भी वैसे ही कार्य करने लगे तो यह द्विपक्षीय अंतरण होगा।
उदग्र /लंबवत अधिगम अंतरण (Vertical Transfer of Learning)
एक स्तर पर प्राप्त किया गया ज्ञान जब भविष्य में उपयोगी होता है तो उसे उदग्र अथवा लंबमान अंतरण कहा जाता है। जैसे : बाल्यावस्था में अधित या सीखी हुई क्रियाएं बड़े होने पर भी प्रयोग में आती है।
क्षैतिज अधिगम अंतरण (Horizontal Transfer of Learning)
जब एक विषय में प्राप्त किए गए ज्ञान का उपयोग अन्य विषयों को सीखने में सहायक होता है तो उसे क्षितिज अधिगम अंतरण कहा जाता है। उदाहरण के लिए मोहनजोदड़ो हड़प्पा के अवशेषों के आधार पर उस काल की संस्कृति सभ्यता का ज्ञान भली-भांति हो जाता है।
अधिगम अंतरण को प्रभावित करने वाले कारक
- सामान्यीकरण
- ज्ञान का अनुप्रयोग
- चिंतन
- सहसंबंध
- शिक्षण विधियां
- मानसिक योग्यता
- व्यैक्तिक विभिन्नता
- अंतरण का प्रशिक्षण
अधिगम स्थानांतरण अनेक कार्यों से प्रभावित रहता है। शिक्षक छात्रों को ज्ञान देता है, उनके कौशल, गुणों व योग्यताओं को विकसित करने में अपना सहयोग देता है। इन कौशलों, योग्यताओं व गुणों आदि का प्रयोग नवीन परिस्थिति आने पर छात्र कर सकें इस रूप में उन्हें प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है।
फ्रेंडसन ने कहा है, “स्थानांतरण अधिगम की कुशलता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने वाला व्यापक कारक है।”
(1) सामान्यीकरण (Generalization)
अंतरण को प्रभावित करने वाला प्रथम कारक सामान्यीकरण है। रायबर्न के अनुसार, “अंतरण उसी सीमा तक होता है जिस सीमा तक सामान्यीकरण किया जाता है।”
अतः शिक्षक का दायित्व है कि वह बालकों को अध्ययनीय विषयों में सामान्य सिद्धांत निकालने की योग्यता का विकास करें। अतः अधिगम स्थानांतरण में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।
(2) ज्ञान का अनुप्रयोग (Application of Knowledge)
सीखे हुए ज्ञान का नवीन परिस्थितियों में प्रयोग करना ही अनुप्रयोग है। अध्यापक को इस बात के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वह जो कुछ भी ज्ञानार्जन करते हैं उसका अपने जीवन में उपयोग करें। अंतरण के लिए यह एक महत्वपूर्ण कारक है।
(3) चिंतन (Thinking)
अधिगम अंतरण को प्रभावित करने वाला कारक चिंतन है। मर्सेल के मत में चिंतन अथवा समझदारी से शिक्षण करने पर अंतरण स्वत: सरल हो जाता है। अतः अध्यापक को बालकों में चिंतन की योग्यता विकसित करनी चाहिए।
(4) सहसंबंध (Correlation)
सहसंबंध अथवा समवाय महत्वपूर्ण कारक है जो अधिगम के अंतरण को प्रभावित करता है। शिक्षक पढ़ाते समय पाठ्यवस्तु का संबंध यदि दूसरे विषय से बताता है अथवा बालकों को दो समान विषयों के संबंध अथवा अंतर को जानने के लिए प्रोत्साहित करता है तो वह विषयों की समानता की खोज के लिए स्वत: प्रोत्साहित हो सकते हैं। जैसे : हिंदी और संस्कृत के व्याकरण की समानता का ज्ञान कराना।
(5) शिक्षण विधियां (Method of Teaching)
अधिगम अंतरण को प्रभावित करने वाला कारक अध्यापक द्वारा कक्षा शिक्षण करते समय प्रयुक्त की जाने वाली शिक्षण विधियां भी है। यदि अध्यापक छात्र मनोविज्ञान को जानकर रुचिकर विधि अपनाकर छात्रों को ज्ञान देता है तो कक्षा में अधिक रुचि से पढ़ेंगे और अधिगम अंतरण भी उचित रूप में होगा।
अतः अध्यापक द्वारा अध्ययन की श्रेष्ठ विधियों का प्रयोग कक्षा शिक्षण (Classroom Teaching) के समय किया जाना अपेक्षित है।
(6) मानसिक योग्यता (Mental Ability)
बालकों की मानसिक योग्यता भी अंतरण को प्रभावित करती है। अतः शिक्षक को बालकों की मानसिक योग्यता का विकास करने के प्रयास करना चाहिए। इसके लिए नवीन संस्थितियाँ उठाई जा सकती है।
(7) व्यक्तिगत विभिन्नताएं (Individual Differences)
प्रत्येक बालक दूसरे बालक से योग्यताओं में भिन्न होता है। अतः कक्षा शिक्षण के समय इन बिंदुओं को ध्यान में रखकर बालकों को ज्ञान दिया जाना आवश्यक है। पाठ्यक्रम निर्माण और शिक्षण विधियों का चयन व्यक्तिक विभिन्नता के तथ्य को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। छात्रों में अधिगम अंतरण को प्रभावित करने वाला यह महत्वपूर्ण कारक है।
(8) अंतरण का प्रशिक्षण (Transfer of Training)
स्किनर का मानना है, “अधिगम अंतरण की शिक्षा के लिए विचारपूर्ण तैयारी और पाठों के विकास की आवश्यकता है।” अंतरण का प्रशिक्षण का अर्थ है कि बालकों को नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाए जिससे वह अपने पाठ के विकास के प्रति सजग रहें। क्योंकि अधिगम अंतरण में प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण कारक है।
Also Read :
- अधिगम निर्योग्यता (Learning Disability) क्या है।
- अधिगम के सिद्धांतों का वर्गीकरण
- रॉबर्ट गेने के अनुसार अधिगम के 8 प्रकार।
- अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक।
- अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
पुराने अनुभवों को कई परिस्थितियों में प्रयोग करना क्या कहलाता है?
उत्तर : पुराने अनुभवों को कई परिस्थितियों में प्रयोग करना अधिगम अंतरण कहलाता है?
अधिगम के रूप में ज्ञान के ग्रहण एवं हस्तांतरण की प्रक्रिया समझाइए?
उत्तर : सीखे हुए ज्ञान का नवीन परिस्थितियों में प्रयोग करना ही अनुप्रयोग है। अध्यापक को इस बात के लिए छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वह जो कुछ भी ज्ञानार्जन करते हैं उसका अपने जीवन में उपयोग करें। अंतरण के लिए यह एक महत्वपूर्ण कारक है।
नकारात्मक अधिगम अंतरण का उदाहरण दीजिए।
उत्तर : एक अध्यापक कक्षा में छात्रों को गणित विषय का प्रकरण ‘भाग’ पढ़ा रहा है। इस दौरान अध्यापक बताता है कि किसी भी संख्या में उसी संख्या का भाग देने पर भागफल 1 आता है, जैसे कि 1/1=1, 2/2=1, 3/3=1 ……..10/10=1 उसके बाद छात्रों से पूछता है कि 0/0 क्या होगा? एक छात्र उत्तर देता है – 1 यह नकारात्मक अधिगम है।